Thursday, December 9, 2010

हिन्दू धर्म में अगर कोई खूबी है तो मुझे बताओ

 कयूँ नहीं हिन्दू धर्म अपना लेते ?किसी शख्स ने मेरे ब्लॉग पर आ के मशवरा दिया मैं पूछता हूँ                                                  हिन्दू धर्म में अगर कोई खूबी है तो मुझे बताओ मैनें  देखा है की किसी परिवार में अगर पाँच मेंबर हैं मगर उनमें एक मत नहीं है हर वयक्ति सिर्फ  अपनें मतलब की बात करता है                                                                                                          एक से पूछो किसकी पूजा करते हो वह कहता है मै हनुमान जी  की पूजा करता हूँ कयुंकी वह पहलवानी करता है                                                                                                                              दूसरा कहता है मैं लक्ष्मी जी का पुजारी हूँ वह धन जुटाना चाहता है                                                                                                                                                                                                         तीसरा कहता है मैं सरस्वती जी को मानता हूँ वह संगीतकार या डांसर बनना चाहता  है                                                                                                                    चौथा कहता है मैं भोले शंकर जी को पूजता हूँ वह शराब का शौकीन है                                                                                                                                                 पांचवा कहे मैं तो कन्हिया जी का भक्त हूँ वह आशिक मिजाज है इसलिए                                                                                                                                                                    हर शख्स का अलग मिजाज ही सिर्फ अपनें मतलब की ही बात करते हैं एरिया बदलते ही देवता बदल जाता है कहीं राम सीता की पूजा होती है कहीं गणपति बाप्पा कहीं काली माता तो कहीं वान्केश्व्रम अगर संसार के दो खुदा भी होते तो दुनियां में बड़ा ही बिगाड़ होता एक कहता सूरज पूरब से निकलेगा दूसरा कहता पश्चिम से एक कुछ      कहता दूसरा कुछ दोनों में झगडा होता दुनिया धडाम भड़ाम हो जाती अगर किसी स्कूल या कौलेज के दो प्रिंसपल हों या किसी गांव के दो पर्धान या किसी देश के दो हाकिम हो जाएँ तब सिस्टम नहीं चल पाएगा पीपल के पेड़ पर ३३करोड़ देवी देवता वास करते हैं अगर सरकार उस पेड़ को हटा या काट कर उस जगह पर रास्ता बनाने का हुकम जारी कर दे तब एक भी देवता पेड पर से उतर कर उस रस्ते को बननें से नहीं रोक पाता जहाँ उंच नीच की वजह से एक दुसरे का सम्मान न किया जाता हो एक कहता है मैं ऊँचा जाती का हूँ तुन हमारे साथ उठनें बेठनें के काबिल नहीं है सोचनें का विषय है इसमें तेरे बाप का क्या कमाल और और दुसरे के बाप का क्या कुसूर यह तो उस खुदा का कमाल है माँ खाती है रोटी सब्जी फल और बादाम रंग है काला और खून है लाल उसके बिच से निकलता है दूध पाक साफ और सफ़ेद बताओ ऊँची जाती का बच्चा क्या माँ की छाती से बादाम का जूस पिता है?अगर एक के कुंवे का पानीं भी दुसरे नें पि लिया तो उससे मर पिटाई की जाती है  कयुंकी वह नीची जाती का है क्या उसके हाँथ में टट्टी लगी होती है जहाँ पर इतनीं  घटिया सोच रखी जाती हो उस धर्म में तो सिवाय घुटन के और क्या मिलेगा तब कयूँ बनूँ मैं हिन्दू हमारे यहाँ सिर्फ एक खुदा की ही इबादत होती है चाहें राज्य कोई हो देश कोई हो इन्सान का रंग किसी तरह का भी हो सिर्फ एक ही खुदा की परस्तिश करते हैं साथ में खाते हैं वहां तो एक आदमी खानें की थाली ले के भोजन करता है दूसरा आ जाए उसे साथ में खिला नहीं सकता  कयुंकी खानां झूठा हो गया क्या मुह में से निकाल कर थाली में रखा गया जाता  है?एक खा खा कर  मरे दूसरा भूखा मरे हमारे यहाँ तो  एक रोटी है और खानें वाले चार एक एक टुकड़ा सब मिल बाँट के खा लेते हैं और तसल्ली इस बात की  होती है के जितना मेनें खाया है मेरे भाई नें उससे जियादा नहीं खाया जो तसल्ली और सुकून मुझे इस्लाम मजहब में है वह संसार के किसी दुसरे धर्म में कभी नहीं मेरी दिली तमन्ना है के जिस रह को मेने चुना है उस पर संसार के हर वयक्ति को विचार करना चाहिए

32 comments:

Anonymous said...
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Thakur M.Islam Vinay said...

buri bat hai ajnabi bhai gali dene se pahle jara ise padh to lete

आपका अख्तर खान अकेला said...

विश्व मानवाधिकार दिवस की नोटंकी कल होगी
देश भर में विश्व मानवाधिकार दिवस कल दस दिसम्बर को मनाने की नोटंकी की जाएगी इस नोटंकी में देश में कथित रूप से राष्ट्रिय स्तरीय और राज्य स्तरीय कई कार्यक्रम आयोजित कर लाखों रूपये बर्बाद किये जायेंगे लेकिन देश में आज भी मानाधिकार कानून मामले में देश पंगु बना हुआ हे देश में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन वर्ष १९९३ में गठित कर सुप्रीम कोर्ट के जज रंगनाथ मिश्र को इसका अध्यक्ष बनाया गया और इसी के साथ ही राष्ट्रिय मानवाधिकार कानून देश भर में लागू कर दिया गया , रंगनाथ मिश्र ने इस कानून के माध्यम से देश भर में लोगों को न्याय दिलवाया लेकिन फिर सरकार अपने स्तर पर इस आयोग में नियुक्तियां करने लगी और आज देश भर में राष्ट्रिय और राज्य मानवाधिकार आयोग खुद एक सरकारी एजेंसी बन कर रह गये हें आयोग खुद काफी लम्बे वक्त तक खुद की सुख सुविधाओं के लियें लड़ता रहा और फिर जब राजकीय नियुक्तिया इस आयोग में हुई तो आयोग सरकार के खिलाफ कोई भी निर्देश देने से कतराने लगा , राजस्थान में भी मानवाधिकार आयोग हे लेकिन कई ऐसे मामले हें जिनमे सरकार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी हे जब योग और कर्मचारियों तथा पदाधिकारियों की नियुक्ति सरकारी स्तर पर होती हे और वेतन भत्ते सरकार से उठाये जाते हें तो जिसका खायेंगे उसका बजायेंगे की तर्ज़ पर कम होता हे और स्थिति यह हे के देश में १९९३ में बने कानून के तहत आज तक किसी भी हिस्से में मानवाधिकार न्यायालय नहीं खोली गयी हे जबकि अधिनियम में हर जिले में एक मानवाधिकार न्यायायलय खोलने का प्रावधान हे लेकिन सरकार ने नातो ऐसा किया और ना ही पद पर बेठे आयोग के अध्यक्षों ने इस तरफ सरकार पर दबाव बनाया जरा सोचो जब आयोग खुद ही अपने कानून को देश में लागु करवा पाने में असमर्थ हे तो फिर दुसरे कल्याणकारी कानून केसे लागू होंगे ।
राजस्थान में पुलिस नियम अधिनियम २००७ में पारित हुआ इस कानून के तहत पुलिस और जनता की कार्य प्रणाली पर अंकुश के लियें समितियों और आयोग के गठन का स्पष्ट प्रावधान हे लेकिन आज तक तीन वर्ष गुजरने पर भी समितिया गठित नहीं की गयी हें जबकि थानों पर अंकुश के लियें इन समितियों का गठन विधिक प्रावधान हे इसी तरह मानवाधिकार कानून के तहत जिलेवार प्रतिनिधियों की नियुक्ति नहीं की गयी हे । देश के थानों में आज भी प्रताड़ना का दोर जारी हे हालात यह हें के हिरासत में मोतों का सिलसिला थमा नहीं हे सरकारी मशीनरी कदम कदम पर मानवाधिकारों का शोषण कर रही हे लेकिन आयोग के दायरे सीमित हें स्टाफ और सदस्य सीमित हें जिला स्तर पर कोई प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किये गये हें और आयोग मात्र कार ड्राइवर और भत्तों का बन कर रह गया हे कुछ मामलों में आयोग कठोर रुख अपनाता हे तो उसकी पलना नहीं होती हे कोटा जेल के अंदर इन दिनों नियमित हिरासत में मोतें हो रही हें और हालात यह हें के राजस्थान और राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग ने कोटा जेल में मानवीय व्यवस्थाएं करने के लियें एक दर्जन से अधिक मेरी सोसाइटी ह्युमन रिलीफ सोसाइटी की शिकायत पर राज्य सरकार और कोटा के अधिकारीयों को निर्देश दिए हें मुझे गर्व हे के मानवाधिकार क्षेत्र में कार्य करने के लियें मेरी सोसाइटी ह्यूमन रिलीफ सोसिईती १९९२ में बनी और फिर १९९३ में आयोग और राष्ट्री मानवाधिकार कानून बना राजस्थान में कोटा से राष्रीय मानवाधिकार आयोग में सबसे पहली शिकायत मेरी दर्ज की गयी और इस शिकायत पर बाबू इरानी पीड़ित को न्याय दिलवाकर एक थाना अधिकारी को अपराधी बना कर मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए गये और मुआवजा भी दिलवाया गया । कल विश्व मानवाधिकार दिवस पर अप सभी ब्लोगर बन्धु जिलेवार मानवाधिकार कोर्ट खोलने ,समितिया गठित करने पुलिस आयोग और समितिया गठित करने , न्यायालयों और थानों में कमरे लगवाने के मामले में एक एक ब्लॉग अवश्य लिख कर नुब्ग्र्हित करने ताकि देश में कम से कम इस कानून की १७ साल बाद तो क्रियानाविती हो सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Anonymous said...
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वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) said...

Thakur M.Islam Vinay जी: धर्म के विषयों में कुछ कहना आप समझ ही सकते है, कितना खतरनाक होता है आज के दिनों में.मैं बस फिर भी एक बात कहना चाहुगी. मेरे हिसाब से दुनिया में दो ही धर्म है, एक अच्छाई का और दूसरा बुराई का. और इन दोनों धर्मों को मानने वाले हिंदू मुस्लिम सीख ईसाई कुछ भी हो सकते है.

Thakur M.Islam Vinay said...

बहन वंदना संसार के मालिक ने हम इंसानों को धरती पर किसी मक्सद के लिए भेजा है उसके बारे में भी कुछ सोचो

दीनबन्‍धु said...

ठाकुर साहब कभी ठुकराईन की भी सुनाओ

Converts to islam 70000 every year in France

बवाल said...

हिन्दू धर्म की सबसे बड़ी ख़ूबी हम आपके लेख से ही उठा कर आपको बतलाए देते हैं जी। वो ये कि उसने हमेशाहमेश के लिए मुसलमानों को कनफ़्यूज़ कर के रखा हुआ है। हा हा। वो समझ ही नहीं पाते इस धर्म को और हमेशा घुनाबीथी, ऊहापोह आदि में वक्त गँवाते रहे हैं बेचारे। अरे हटाइए भी। हमने तो सुना है कि अच्छे खाँ, तुर्रम खाँ और इनके भतीजे तीसमार खाँ जैसों की पुश्तों की पुश्तें ख़ाकनशीन हो गईं इसी कनफ़्यूज़न से कुश्ताते कुश्ताते मगर नताएज सिफ़र रहे जी। खै़र अब आपको बतलाते बतलाते हमहुँ कन्फ़ूजियाने लगे हैं इसीलिए रवानगी डाल रहे हैं। शुक्रिया

Shekhar Kumawat said...

koi jawab na diya jaye to behtar hai

Unknown said...

सही कहा बवाल भाई और शेखर भाई,
हम इन्हें हिन्दू धर्म की खूबियाँ क्यों बतायें, ये कौन सा समझने वाले हैं… :)

विश्व के 52 इस्लामी देशों में से चुनिन्दा में ही लोकतन्त्र है वह भी दिखावे के लिये… इन्हें हम हिन्दू धर्म की खूबियाँ क्यों समझायें…

दूसरों के घर में झाँकते रहते हैं, कभी खुद
शिया-सुन्नी-अहमदिया-कादियानी के खूनी इतिहास के बारे में बोलते नहीं… हम इन्हें हिन्दू धर्म की खूबियाँ क्यों समझाएं… :) :)

मुल्ला अंकल, टिप्पणी प्रकाशित तो करोगे ना? :)

Tausif Hindustani said...

वाह चिपु क्या गधे के माफिक बोलता है वाह , क्या गधे की तान है

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) said...

आप ही बता दे.....मुझे आपका मकसद नहीं समझ आ रहा है. गीता या कुरान पढ़कर ही क्या हम सही गलत का फैसला कर पायेगे?बिना किसी धर्म को मानते हुए क्या हम सही गलत का निर्धारण नहीं कर सकते? मेरे घर में हर पूजा होती है, और सबमे सब लोग भाग लेते है, आप इसका ज़िक्र अपने पोस्ट में करेगे? और किस तरह से करेगे? जिस तरह आप किसी के लिए भाई, किसी के लिए दोस्त किसी के कुछ लगते होगे, उसी तरह एक ही भगवान किसी को सरस्वती तो शंकर तो आपको खुदा भी दीखते है. आप इतनी सी बात नहीं समझ पाएं? कहते है जैसे रंग का चश्मा पहनोगे वैसा ही सब नज़र आएगा. बुराई देखना चाहेगे तो हर तरफ बुरा ही नज़र आएगा. जो भी चश्मा पहने, मगर एक ही चश्मे से सबको और खुद को देखे.

अजी इतना तो जरूर कहेगे हमारे कितने भी अनुनय करने से पीपल पेड़ को काटनेवाले तो काट के ले जायेगे और वो ३३ हज़ार देवी देवता बिलकुल भी नहीं आयेगे. मगर क्या आपके धर्म में जिन्हें आप खुदा कहते है वो उसे बचाने आ सकते है? क्या आप इस बात का दावा कर सकते है?

पीपल के पेड़ पर देवी-देवता वास करते है इस कथन के पीछे का गूढ़ अर्थ समझे नहीं है आप अब तक. पीपल का पेड़ गाँव के बाहर रहता है, जो आंधी तूफ़ान से रक्षा करता है. पीपल के पेड़ के नीचे ही सब लोग शाम को मिलते जुलते है बैठक होती है, मसले हल होते है. गर्मियों में ठंडी हवा भी देती है. इसे हम काट न दे, इसी लिए ऐसा कहा जाता है कि लोग ऐसा करने से रुके रहे. मगर आपको यह बात कैसे समझ आएगी.

पूजा अर्चना मन की शांति के लिए होता है. वैसे भी मुझे एक ही धर्म पता है इंसानियत की. क्या कोई हिंदू शिक्षक किसी मुसलमान को पढ़ने नहीं देता, या कोई मुसलमान किसी हिंदू को तालीम नहीं देता. ऐसा आपने देखा है क्या कभी भी? सब्जी खरीदते वक्त किसी सब्जीवाले ने आपको सब्जी देने से मना किया है कि आप मुसलमान हो इसलिए नहीं देगे.

मिल बाँट के खाने की अच्छी आदत सिर्फ आप ही लोगो को है. क्या हम इतने बुरे है? एक बात जो मैं जानती हूँ वो ये कि दूसरों की बुराई और अपनी बडाई कभी किया नहीं करते. क्यूंकि बुरा देखने से सूख नहीं मिलता और बडाई करने की कोई जरूरत नहीं होती.

क्या हर मुस्लिमों के घर में भाई भाई में कभी झगड़ा नहीं होता, या यह सिर्फ हिंदूओ के घर में ही होता है.
मेरे कहने का तात्पर्य सिर्फ यही है कि समस्या हर घर में होती है, समस्या धर्म देख कर घर में नहीं घुसती है.

rajeshhhh said...
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rajeshhhh said...

वंदना जी आपका लेख सचमुच अत्यंत समझदारी पूर्ण लगा ..काफी गूढ़ बातें आपने बातो ही बातो में कह दी ..सचमुच हमलोग अपने मतलब का चश्मा चढ़ाये हुए , अपने ही मतलब की चीज़े देखना चाहते हैं ...मैंने अधिकतर ब्लोग्स पर कई मुद्दों पर लोगो को सिर्फ हिन्दू -मुस्लिम मुद्दे को ही उठाते देखा है देश की समस्या आदि पर कोई तवज्जो देता ही नहीं ..हम भारतीय होने से ज्यादा हिन्दू या मुस्लिम हैं ...बाकी रही बात श्री मान ठाकुर जी की तो यह मात्र सैधांतिक व्यक्ति हैं व्यावहारिक नहीं ...यह अपनी माँ में भी खुदा को नहीं देख सकते क्योंकि खुदा को ये किसी पर भी आरोपित नहीं कर सकते...

Unknown said...

Sab kuch Hindustan he. Baki sab baad me.........

Anonymous said...

Vandna ji apko aachai burai ka tab tak gyan nahi hoga jab tak aap islam ki kitabo ko nahi pdogi. Sacchai ko daran karna hi dram hai. dram sirf ek hi hai vo hai islam baki sab adarm hai. Islam sirf insanyat ke allawa kuch nahi sikhata hai.

Unknown said...

क्या राम भगवान था ?
में राम को सिर्फ एक राजा समझता हु क्योकि एक भगवान कभी भी किसी का सहारा नहीं लेता जिस छल कपट से उसने रावन जेसे योधा को मारा वो यही सिद्ध करता है के राम भगवान हो ही नहीं सकता
क्या आप में से कोई भी इस कथन से सहमत है के एक भगवान की आधी ज़िन्दगी जंगल में बंदरो और भालुओ के साथ गुज़री और तो और एक भगवान अपनी पत्नी को ढूँढने तक में सक्षम नहीं था इसीलिए बंदरो और भालुओ का सहारा लेकर एक साहसी योधा को पीठ पीछे वार करके मारा ! यह सारे गुण किसी भगवान के चरित्र को नहीं दरशाते बल्कि किसी भी व्यक्ति के देवालीयेपन का सबूत देते है

सीता की अग्नि परिक्षा इस बात का सबूत है के राम बुरा पति ही नहीं बल्कि एक शक्की मानसिकता का रोगी भी था जिसने सिर्फ एक मछुआरे की बात मानकर सीता को अग्नि मै छलांग लगाने के लिया कहा यह केसी मर्यादा है उस मर्यादा पुरूषोत्तम की के एक भगवान होकर भी वोह अपनी पत्नी के चरित्र पर शक करता रहा रावन के साथ 2 वर्ष बिताने के बाद सीता कभी राम के साथ खुश नहीं रही और हमेशा राम ने उसका उत्पिरण किया

क्या एक भगवान को किसी राक्षस से युद्ध की ज़रुरत पड़ सकती है अगर है तो भगवान तो सारी सृष्टि का रचयेता है उसी ने मनुष्य राक्षस असुरो को बनाया फिर भी वोह भालू और बंदरो की फ़ौज लेकर एक योधा से लड़ा और उसके भाई को सत्ता और कुर्सी का लालच देकर साथ मिलाया!
आज यह लक्षण हमारी राजनीती मै देखने को मिलते है जो राम ने हज़ारों साल पहले करे

मुझे जवाब चाहिए अगर मेने कुछ ग़लत लिखा हो तो! मेरा अनुरोध है उनलोगों से जो राम को भगवान मानते है कृपया करके सवालो का जवाब दे राम की भाषा का इस्तेमाल न करे

Unknown said...

बेटा तेरे धर्म से तुझे जवाब हिन्दू धर्म किसी वेद या कुराण में नही है सनातन धर्म आया है बस पत्थर पूजो और जाने दो बताने में छोड़ो

Unknown said...

Islam a dirty religion

Unknown said...

Islam a dirty religion

Anonymous said...

Madarchod Islam me sirf sex rape ar apni Hawas ke liye ladies ki exploit karne ki teachings di gai hai kabhi talak ke namm par kabhi shaddi ke namm par kabhi bacho ke namm par Mohammed Shami ne kaise apni biwi ka rape Apne bahi se karwaya ye toh jante hi hoge Bhagwa vs barwa ki Jung me Bhagwa hi jitega jai shri ram

Unknown said...

Islam me siya sunny devbandi koi saiyad koi sekh pathan mugal siya suny ke mazid me nahi ja sakta suni siya ke devbandi ka alag mazid aur chale hai hindu dharm ko sikhane hamare dharm me to aisa nahi hai

Unknown said...

Islam me siya sunny devbandi koi saiyad koi sekh pathan mugal siya suny ke mazid me nahi ja sakta suni siya ke devbandi ka alag mazid aur chale hai hindu dharm ko sikhane hamare dharm me to aisa nahi hai

rafik said...

नरेन्द्र मोदी जानता है कि देश में एक वर्ग महामूर्खों का है जिन्हें आजकल अंधभक्त कहा जाता है जो केवल बकलौल, लफ्फाजी और बैकती से प्रभावित होता है। उसे कुछ भी झूठ बोलो, पाखंड करो, स्वांग रचो, वो इन सब के झांसे में फंस जाएगा।।
मोदी झूठ, पाखंड, अफवाह, और स्वांग में महारथी है।
वो बेवकूफों करना चाहिए। सही मायने में आप बेवकूफ किस्म के प्राणी हैं इसलिए आप मोदीभक्त बने हुए हैं।
और यह बात अनेकों बार साबित हो चुकी है।

Unknown said...

Aapko Ramayana dhyan se padhna Chahiye,Lagta hair sap harbari me padhna goye,isiliye aapko Sri ram me bhagwan najar Nahi aaraha hai