Friday, December 10, 2010

मुसलमानों हिंदुस्तान छोड़ दो और पाकिस्तान चले जाओ?

मुसलमानों हिंदुस्तान छोड़ दो और पाकिस्तान चले जाओ? एक साहब बस में बैठे मेरी तरफ इशारा करके अपनें बस में बैठे साथिओं से कह रहे थे मैनें पूछा ऐसा कयूँ कह रहे हो भाई वह साहब बोले क्युकी तुम लोग खाते हिंदुस्तान का हो और गाते पाकिस्तान का हो मैने कहा ऐसा आपको किसनें कहा वह बोले हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मैच होता है तब मुस्लमान लोग पकिस्तानिओं की तारीफ करते हैं जबकि रहते हिंदुस्तान में  हैं मैं बोला यह तो खेल की भावना है जो बेहतर खेलेगा उसकी तारीफ होनी ही चाहिए क्या नुजिलेंड या इंग्लेंड के खिलाडी जब अच्छा खेलते हैं तब आप उनकी तारीफ नहीं करते ? इस्लाम में कहा गया है के वतन परस्ती आधा इमान है और अल्लाह के रसूल मुहम्मद साहब नें फ़रमाया जिस देश में रहो उस देश से मुहब्बत करो क्या मुस्लमान अपनें पैगम्बर की बात नहीं मानेंगे ?क्या सरहदों पर मुस्लमान फौजी जंग के दौरान किसी से पीछे रहते हैं ?क्या भारत को आजाद कराने में मुसलमानों नें अपनीं जानें नही दी?मैं कहता हूँ अगर मुस्लमान साथ न देते तो हिंदुस्तान को आजाद करना किसी एक कौम के बस की बात न थी अल्लामा इक़बाल साहब का शेर है सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिता हमारा अगर हिन्दुस्तन से मुहब्बत न होती तो कहते सारे जहाँ से अच्छा पाकिस्तान चलो उस समय पाकिस्तान वजूद में  नहीं था तो कहते सारे जहाँ से अच्छा अफगानिस्तान हमारा या इरान हमारा या इराक हमारा या सउदी अरब हमारा या मक्का मदीना हमारा इससे बढ़ कर तो मुसलमानों के लिए कुछ नहीं है मगर इमान का जज्बा देखो सारे जहाँ से अच्छा सिर्फ हिन्दोसिता हमारा यह वतन परस्ती नहीं तो क्या है अगर आपका जाती भाई दुनियां के किसी देश में भी रहता हो आपको उससे मुहब्बत होगी या नहीं ??जरुर होगी क्युकी वह भी उसी धर्म को मानता है जिसे आप मानते हैं फिर मुसलमान अपनें भाई की तारीफ क्यूँ नहीं करेगा हाँ मुहब्बत सिर्फ अपनें देश से ही करेगा जब हिंदुस्तान में तक़रीबन ९०० साल मुसलमानों ने हुकूमत की तो उन्होंने किसी को नहीं कहा हिंदुस्तान छोडनें को अगर वह ऐसा करते तब आपको कैसा लगता अगर कोई वयक्ति किसी देश में पांच साल लगातार रह ले तब उसे उस देश की नागरिता मिल जाती है जबकि मुसलमानों के माँ बाप दादा परदादा इसी हिंदुस्तान में पैदा हुवे वह किसी और देश क्यूँ जायेंगे ???? जब दुनियां में चार ही सभ्यताएं ही थी यानीं चार टापू १-दजला घाटी २-नील घाटी ३-फारत घाटी ४-सिंध घाटी यहीं पर दुनियां बसी थी न हिंदुस्तान था न ही कोई और मुल्क तब आर्य आए थे दुसरे देशों से सिंध घाटी पर जिसने बढ़ते बढ़ते बाद में हिंदुस्तान की शक्ल  ली क्या आर्य हिंदुस्तान को छोड़ कर किसी और देश जा सकते हैं??आर एस एस के स्वयं सेवक के सी सुदर्शन जी नें रिटायर्मेंट लेनें के बाद कुछ दिन पहले लखनऊ में मुस्लिमों के सम्मलेन में कहा था की संस्कृति कभी नहीं लड़ती हमें लड़ती है तो सिर्फ राजनीती वह लोग मेरा मुह देख रहे

29 comments:

kapil said...

behtar lekh

kapil said...

nice post

Thakur M.Islam Vinay said...

dhanywad

zeashan haider zaidi said...

Nice Article.

Shekhar Suman said...

वाह क्या इमानदारी है उन मुसलमानों की जो भारत के मैच हार जाने पर भी आतिशबाजी करते नज़र आते हैं....लानत है....

Shekhar Suman said...

निश्चित रूप से मुसलमान भारत का एक अभिन्न अंग हैं ..लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो खाते यहाँ की हैं और गाते वहां की....

शेखचिल्ली का बाप said...

भाइयो लड़ो मत
ऐसा कर लो सब मिलकर अंगरेज़ों की गाओ
इस पर आजकल मेरा गधा भी ऐतराज़ नहीं करता ,
शेख़ सौमन की तरह !

शेखचिल्ली का बाप said...

nice post .
काहे की nice post ?

शेखचिल्ली का बाप said...

मुल्ला हो तो अज़ान दो
मुफ़्ती हो तो फ़तवा दो
ठाकुर हो तो ठोक दो
लेकिन यार अगर आप ब्लागर हो तो ख़ुदा के वास्ते हिंदू मुस्लिम मुददा छोड़ दो ।
कुछ बात ऐसी बताओ जो वादे की पाबंदी पर हो , मां बाप की ख़िदमत पर हो ।

आइय्यो मेरे ब्लाग पर ?

Shah Nawaz said...

भाई कौन मुसलमानों के देश प्रेम पर सवाल उठता है??? जो उठता है खुद उसके ही देश प्रेम पर सवाल लग जाता है दोस्त!

S.M.Masoom said...

एक अच्छा लेख़ है.. ऐसा होता रहता है मुसलमानों के साथ.लेकिन जाहिल ही अधिक ऐसी बात किया करते हैं. जहालत वैसे भी फितना पैदा किया करती है..

URDU SHAAYRI said...

दिल छोटा न करो मुल्ला साहब ।
हिंदू भाई टेंशन में कह बैठते हैं वर्ना तो सच ये है कि पाकिस्तान के गुलाम अली को बुलाकर शायरी सुनते हैं।
अब वे बीमार हैं तो उन्हें हिंदू हज़रात भारत बुला रहे हैं , हिंदू डाक्टर उनके आप्रेशन करेंगे ।
हिंदू भाई अच्छे हैं बस थोड़ा टेंशन में उल्टा बोल जाते हैं।
आप ख़ुद पहले हिंदू ही तो थे । आपको क्या बताना ?

S.M.Masoom said...

मुंबई लोकल ट्रेन मैं देखें इंसानों के कई चेहरे एक साथ [18
जलेबी अगर ये समझे कि उससे ज़्यादा सीधा और कोई नहीं, तो समझती रहे

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

शेखचिल्ली का बाप कहता तो १०० फ़ीसदी सही बात है

Anonymous said...

Are nahee Minyaa ! agar saare musalmaan Pakistan chale gaye to Hinduo kee Chhatee me moong kaun dalegaa ?

निर्मला कपिला said...

क्या हन्दू मुस्लिम मुद्दे के इलावा कोई बात नही हो सकती? आज देश मे सब से बडा मुद्दा भ्रष्टाचार का है भ्रूण हत्या, दहेज हत्या है। हम सब भारतवासी हैं भाई भाई हैं और सब ने यहीं रहना है। ऐसी बातों को हम जितनी तरजीह देंगे अलगाववादियों के हौसले उतने बुलन्द होंगे। जो कोई भी अलग होने की बात कहता है वो अलगाववादी हे है हिन्दू हो या मुस्लिम। धन्यवाद। मै धार्मिक मसलों पर चुप रहना पसंद करती हूँ क्यों कि धर्म को अपना निज़ी मामला मानती हूँ। भाईचारा बना रहे इस दुआ के साथ। शुभकामनायें।

Tausif Hindustani said...

आपका एक एक शब्द उन गद्दारों को मुंहतोड़ जवाब है जो केवल एक विचेश धर्म के लोगों को अपना निशाना बनाते हैं , जब ये जासूसी के आरोप में आये दिन पकडे जाते हैं तब कोई नहीं कहता उस धर्म सभी लोग गद्दार हैं . और सबसे अधिक इनकी गिनती है गद्दारों में अपने देश की खुफिया जानकारी बेचने में , देश को माओवाद व नक्सलवाद के नाम पर जितना बर्बाद इन्होने देश को किया है किसी ने नहीं किया है आँख खोलो तो बुद्धि खुलेगी वरना कुआं के मेढक बने रहोगे और टर्र टर्र करते रहोगे

Tausif Hindustani said...

बेहतरीन लेख ऐसे देश का असली जज्बा लोगों में जगाते रहिये संघियों की तरह नहीं केवल जो देश भक्ति बात करते हैं किन्तु कभी देश के लिए कुर्बानी नहीं दी कभी देश के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध जंग नहीं छेड़ा, हाँ मौका मिलने पर मस्जिद और मंदिर में बम ज़रूर फोड़ा

Thakur M.Islam Vinay said...

सही कह रहे हैं तौसिफ जी होसला अफजाई के लिए शुक्रिया

Thakur M.Islam Vinay said...

निर्मला बहन आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाएं

Thakur M.Islam Vinay said...

आप सभी का बहुत ही आभार जो आप लोगों ने अपनें विचार रखे धन्यवाद

Sanjeev said...
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Thakur M.Islam Vinay said...
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Sanjeev said...

जब कहीं मीलों दूर किसी अखबार में किसी मोहम्मद का कार्टून छपा तो इस कौम ने
देश-दुनिया और भारत के हर शहर गली-मोहल्ले में हल्ला मचाया। देश के एक पत्रकार आलोक
तोमर ने जब इस कार्टून को छाप दिया तो उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। पढें....
वहीं जब इसी कौम के एक भौंड़े कलाकार एमएफ हुसैन ने हिंदु देवी-देवताओं और भारतमाता
का नग्न चित्र बनाया तो ये बिलों में दुबके रहे और हुसैन अपनी करतूतों से बाज नहीं
आया, उसे किसी ने जेल नहीं भेजा। उस समय देश के मुसलमान सड़कों पर उतरते तो लाखों
दिलों में घर बनाते। ये तो सड़कों पर उतरे भी तो हुसैन की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
की रक्षा के लिए।
please answer and don't delete

Sanjeev said...
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Unknown said...

chalo achchha huaa apno me koi gair to nikala , agar hote sabhi to begane kanha jate |
lokatantr jindabad !

Unknown said...

chalo achchha huaa apno me koi gair to nikala , agar hote sabhi apne to begane kanha jate |
lokatantr jindabad !

smmalusare said...

गधा, लकडबघ्घा आदी का गोश्त खाना सुन्नत है, क्योंकि मुहम्मद नें इन दोनों जानवरों का गोश्त खाया था. टट्टी करने के बाद पानी से गुदा को धोना सुन्नत के खिलाफ है, क्योंकि मुहम्मद पानी का प्रयोग करने के बजाय विषम संख्या के पत्थरों का प्रयोग करता था. इसलिए मुसलमानों को आधुनिक अपार्टमेंटों में भी पत्थर का प्रयोग गुदा स्वच्छ करने के लिए करना चाहिए. टेलिफोन, मोबाईल और कम्प्युटर का प्रयोग सुन्नत के खिलाफ है, क्योंकि मुहम्मद के जमाने में टेलिफोन, मोबाईल और कम्प्युटर नहीं हुआ करता था, उसे हवा से ही जिब्रील अल्लाह का संदेसा भेजता था. इसलिए मुसलमानों को टेलिफोन, मोबाईल और कम्प्युटर का प्रयोग नहीं करना चाहिए, और हवा से संदेसा पाने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि यह काम सिर्फ उनके आखरी नबी के लिए मुमकिन था. मुसलमानों को आधुनिक काम जैसे बँक में क्लर्क, कैशियर, मैनेजर बनना, कम्प्युटर ऑपरेटर, प्रोग्रामर बनना इत्यादी काम नहीं करने चाहिए, क्योंकि मुहम्मद के जमानें में इस तरह का काम खुद मुहम्मद और कोई मुसलमान नहीं करता था, वे केवल हाईवे पर जाते हुए कारवाँ की लुटमार, दुसरें काबीलों पर हमला करके उनके जान-माल को लुटना, उनकी औरतों के साथ बलात्कार करना इ. कामों में लिप्त रहते थे. इसलिए आधुनिक मुसलमानों को (आधुनिक शब्द का प्रयोग करनें में संदिग्धता है) बँक में क्लर्क, कैशियर, मैनेजर बनना, कम्प्युटर ऑपरेटर, प्रोग्रामर बनना इत्यादी काम नहीं करने चाहिए, उन्हें केवल हाईवे पर जाते हुए कारवाँ की लुटमार, दुसरें काबीलों पर हमला करके उनके जान-माल को लुटना, उनकी औरतों के साथ बलात्कार करना इ. कामों में लिप्त रहकर अपनी रोजीरोटी कमानी चाहिए, यही असली सुन्नत है.
जय हिंद!

Unknown said...

सुबहानअल्लाह