Thursday, December 2, 2010

भेंस बियाने वाली है

 पवन जी पान वाले से बोले सौ रूपया छुट्टा दे दो पान वाले गिरधारी जी बोले छुट्टा तो है नहीं पवन जी बोले                भेंस बियाने वाली है सोचा गयारह रुपया देवी जी के मंदिर पर चढ़ा दूँ बच्चा सही सलामत पैदा  हो जायगा दस रूपया तो है हमारे पास गिरधारी जी बोले गयारह रूपया देना है न कोई बात नहीं एक रूपया हम दे देते है पवन जी बोले यह बात नहीं है कई जगह दान करना है न देवी जी पर चढ़ावा करने के बाद भेरो जी पर भी चाडाना  है फिर काली माता दुर्गा जी आदि गिरधारी जी बोले हम लोगों से तो अच्छे मुस्लमान लोग है कोई भी काम हो बस एक अल्लाह के पास ही गए ओर जो कुछ भी लेना देना है वहीँ सब कुछ कर आये एक हम लोग हैं कभी यहाँ कभी वहां पवन जी उनका मुह देख रहे थे 

25 comments:

kapil said...

ha ha ha

salman said...

behtar lekh

pawan said...

sahi kah rahe ho

pawan said...

sahi kah rahe ho

pawan said...

sahi kah rahe ho

Anonymous said...

bakwas

Anonymous said...

kaya mazak hai

कुमार राधारमण said...

धार्मिक आस्था एक व्यक्तिगत मुद्दा है। सभी धर्म नेकी की शिक्षा देते हैं,लिहाजा उनमें तुलना ठीक नहीं। फिर भी,दान प्रक्रिया विचारणीय ज़रूर बनी है।

शेखचिल्ली का बाप said...

ऐगनस रेपलियर ने कहा है कि ‘हम जिसके साथ हंस नहीं सकते, उसके साथ प्यार भी नहीं कर सकते।‘
ठीक ही कहा है रेपलियर ने लेकिन रेपलियर ने यह नहीं बताया कि जहां प्यार न हो, वहां प्यार कैसे पैदा किया जाए ?
वह आपको मैं बताऊंगा।
‘आप जिन लोगों से प्यार नहीं करते, उनके साथ हंसिए-बोलिए, प्यार पैदा हो जाएगा।‘

संजय भास्‍कर said...

धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

रूप कुमार सांगला said...

तुम ठाकुर से मुसलमान 11 रूपये बचाने के लिए हुए हो

Taarkeshwar Giri said...

मैं तो हमेशा असमंजस मैं रहता हूँ कि तुम्हे ठाकुर कंहू या इस्लाम, खैर. एक बात धार्मिक आस्था के साथ मजाक बंद कर दे तो ही अच्छा हैं. दान कि परम्परा सिर्फ हिंदुस्तान मैं ही हैं, और हर आदमी दान करता हैं चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लमान.

Thakur M.Islam Vinay said...

तारकेश्वर जी ऐसा नहीं है की दान भारत में ही दिया जाता है दान तो सारी दुनिया के लोग देते है चाहे किसी भी तरीके का देते हों दान सब देते हैं

Thakur M.Islam Vinay said...

तारकेश्वर जी मै किसी के धर्म की आस्था को ठेस नहीं पहुचाना चाहता हूँ क्युकी मेरे परिवार वाले भी हिन्दू हैं जिस तरह की बातें मुझे परेशां करती है उसी के बारे में कहता हूँ

Thakur M.Islam Vinay said...

sanjay ji dhanywad

Tausif Hindustani said...

तारकेश्वर जी माफ़ करियेगा लगता है आप को दुसरे देश की खबर नहीं या आप समाचार नहीं पढ़ते जितना दुसरे देश के लोग वो व्यापारी हो या आम जनता दान करती है अपने हिंदुस्तान में नहीं ,यहाँ पर तो आम जनता करती है पर उद्योगपति कभी 100 में 3 ही करते हैं

Tausif Hindustani said...

नसीहत है आप के लेख में लेने वाला ले सकता है जिसको न समझ में आये वो कुछ न कुछ बकेगा

Tausif Hindustani said...

इस्लाम जी ये मेरी अपनी राय है आप के लिए आप ठाकुर न लागाये ये एक जाती को प्रदर्शित करती है और इस्लाम में जाती वाती कुछ नहीं है

Thakur M.Islam Vinay said...

tausif ji behtrin mashwre ke liye shukriya

सलीम खान said...
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Thakur M.Islam Vinay said...

सलीम उर्फ़ अभय शर्मा जी क्या तुम पागल हो क्या तुम्हारी संस्कृति यही है की जब बात का जवाब न दिया जाये तो गाली ही दे दो इसमें तुम्हारा कुसूर नहीं है यह संस्कार मिले हैं तुमको अपने धर्म से

शेखचिल्ली का बाप said...
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Sanjeev said...
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ANISH said...

SARV SHAKTI EAK HI HO SAKTI HAI. DO NAHI.

Unknown said...

What's happened?
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