Sunday, November 21, 2010

आवागमन का धोखा

 हमारे हिन्दू भाई  कहते है की मरने के बाद दूसरा जनम होगा मगर यह भी कहते हैं सवर्ग नरक भी है अगर कोई बुरे कर्म करेगा तो नरक भोगेगा और अच्छे कर्म करने पर  स्वर्ग में जायेगा भाई दो कश्ती का सवार तो मजधार में डूब जायेगा या दूसरा जनम होगा या स्वर्ग नरक में जायेगा दो बात में से एक बात ही हो सकती है एक ही समय में एक इन्सान दो दो जगह कैसे हो सकता है  
आवागमन के तीन विरोधी
तर्क (दलीलें)

1-  इस क्रम मे सबसे बड़ी बात यह है कि सारे संसार के विद्वानों और शोध कार्य करने वाले साइंस दानों का कहना है कि इस धरती पर सबसे पहले वनस्पति जगत ने जन्म लिया। फिर जानवर पैदा हुए और उसके करोड़ों वर्ष बाद इन्सान का जन्म हुआ। अब जबकि इंसान अभी इस धरती पर पैदा ही नही हुए थे और किसी इन्सानी आत्मा ने अभी बुरे कर्म नहीं किए थे तो किन आत्माओं ने वनस्पति और जानवरों के शरीर में जन्म लिया?
2-  दूसरी बात यह है कि इस धारणा का मान लेने के बाद यह मानना पड़ेगा कि इस धरती पर प्राणियों की संख्या में लगातार कमी होती रहे। जो आत्मायें मोक्ष प्राप्त कर लेंगी। उनकी संख्या कम होती रहनी चाहिये। अब कि यह तथ्य हमारे सागने है कि इस विशाल धरती पर इन्सान जीव जन्तु और वनस्पति हर प्रकार के प्राणियों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
3-  तीसरी बात यह है कि इस संसार में जन्म लेने वालों और मरने वालों की संख्या में ज़मीन आसमान का अन्तर दिखाई देता है। मरनेवाले मनुष्य की तुलना में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या कहीं अधिक है। कभी-कभी करोड़ो मच्छर पैदा हो जाते है जब कि मरने वाले उससे बहुत कम होते है। कहीं-कहीं कुछ बच्चों के बारे में यह मशहूर हो जाता है कि वह उस जगह को पहचान रहा है जहा वह रहता था, अपना पुराना, नाम बता देता है। और यह भी कि वह दोबारा जन्म ले रहा है। यह सब शैतान और भूत-प्रेत होते हैं जो बच्चों के सिर चढ़ कर बोलते है और इन्सानों के दीन ईमान को खराब करते हैं।
सच्ची बात यह है कि यह सच्चाई मरने के बाद हर इन्सान के सामने आ जायेगी कि मनुष्य मरने के बाद अपने मालिक के पास जाता है, और इस संसार मे उसने जैसे कर्म किये है उनके हिसाब से सज़ा अथवा बदला पायेगा।
कर्मो का फल मिलेगा
यदि वह सतकर्म करेगा भलाई और नेकी की राह पर चलेगा तो वह स्वर्ग में जायेगा। स्वर्ग जहाँ हर आराम की चीज़ है। और ऐसी-ऐसी सुखप्रद और आराम की चीज़ें है जिनकों इस संसार में न किसी आँख ने देखा, न किसी कान ने सुना, और न किसी दिल में उसका ख़्याल गुजारा। और सबसे बड़ी जन्नत (स्वर्ग) की उपलब्धि यह होगी कि स्वर्गवासी लोग वहॉ अपने मालिक के अपनी आँखों से दर्शन कर सकेंगे। जिसके बराबर विनोद और मजे़ कोई चीज नहीं होगी।
इस प्रकार जो लोग कुकर्म (बुरे काम) करेंगे, पाप करके अपने मालिक की आज्ञा का उल्लंघन करेंगे, वह नरक मे डाले जायेगे, वह वहॉ आग में जलेंगे। वहॉ उन्हें हर पाप की सज़ा और दंड मिलेगा। और सब से बड़ी सजा यह होगी कि वह अपने मालिक के दर्शन से वंचित रह जाऐगे। और उन पर उनके मालिक का अत्यन्त क्रोध होगा।

12 comments:

salaman said...

nice post

Anonymous said...

zawab nahi thakur sahab

Anonymous said...

our kuh kam nahi hai kaya

Thakur M.Islam Vinay said...

agar mai galat hu to sahi kaya hai

DR. ANWER JAMAL said...

आवागमन एक धोखा है आप जान गए हैं ,यह अच्छी बात है ।

DR. ANWER JAMAL said...

अब दूसरों को बता रहे हैं यह और भी अच्छी बात है ।

DR. ANWER JAMAL said...

यहाँ लोग आपके बुजुर्गों को गालियाँ देते हैं और अगर आप भड़क उठें तो फिर आपको गालियाँ देंगे कि बड़ा असभ्य आदमी है , देखो बड़ा बदतमीज़ है यह तो भड़कता है ।

DR. ANWER JAMAL said...

आप भड़कना मत । मेरी आपको यह खास नसीहत है ।

S.M.Masoom said...

good post

DR. ANWER JAMAL said...

@ ठाकुर साहब ! आपके लिए एक छोटा सा इल्मी तोहफा है मुझ पठान के ब्लाग पर ।
ज्ञान पहेली
क्या आप जानना चाहेंगे कि मैंने निम्न सिद्धांत किसके ब्लाग पर प्रतिपादित किया ?
1, भारतीय नागरिक जी ! जी से पूरी तरह सहमत ।
2, कमी कभी धर्म नहीं होती इसीलिए धर्म में कभी कमी नहीं होती । कमी होती है इनसान में जो धर्म के बजाए अपने मन की इच्छा पर या परंपरा पर चलता है और लोगों को देखकर जब चाहे जैसे चाहे अपनी मान्यताएँ खुद ही बदलता रहता है ।
3, जिसके पास धर्म होगा वह न अपने मन की इच्छा पर चलेगा और न ही परंपरा पर , वह चलेगा अपने मालिक के हुक्म पर , जिसके हुक्म पर चले हमारे पूर्वज ।
4, धर्म बदला नहीं जा सकता क्योंकि यह कोई कपड़ा नहीं है ।
5, जो बदलता है उस पर धर्म वास्तव में होता ही नहीं है ।
6, अब आप बताइए कि नृत्य और हर पल आप उस मालिक के आदेश पर चलते हैं या अपनी इच्छाओं पर ?
तब पता चलेगा कि वास्तव में आपके पास धर्म है भी कि नहीं ?

देखें -
ahsaskiparten.blogspot.com

Tausif Hindustani said...

अल्लाह जिनकी बुद्धि भ्रष्ट करदे उनको सत्य का मार्ग मिल ही नहीं सकता जो दृष्टि के होते हुए नहीं देख पाते हैं और बुद्धि के होते हुए उसका प्रयोग नहीं करते हैं ,
अल्लाह ऐसे लोगों को सदबुद्धि दे
बेहतरीन लेख
dabirnews.blogspot.com

Thakur M.Islam Vinay said...
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