Saturday, December 4, 2010
कौन कहता है की इस्लाम को सिर्फ १४०० साल ही हुवे हैं
कौन कहता है की इस्लाम को सिर्फ १४०० साल ही हुवे हैं ? १४२९ साल पहले धरती पर पैगम्बर मुहम्मद सल्लाहुव्सल्लम तशरीफ़ लाये उनका कलमा ला इलाहा इल्लाह था जिसका मतलब है नहीं कोई पूजनें के काबिल सिवाए अल्लाह के उसके पहले ईशा अलेहिस्सलाम आये उनका कलमा ला इलाहा इल्लाह था - उससे पहले मूसा अलेह्सलम आये उनका कलमा ला इलाहा इल्लाह उससे पहले इब्राहीम अलेह्स्स्लम उनका भी कलमा ला इलाहा इल्लाह था ऐसे ही नुह अलेहस्स्ल्म 'लूत अलेह्स्स्लम से ले कर आदम अलेह्स्स्लम तक तक़रीबन सवा लाख कम या बेश पैगम्बर सबका कलमा ला इलाहा इल्लाह ही था इसका मतलब इस्लाम शुरू से ही है जब जब दुनिया गुमराहियत की तरफ गई तब परवरदीगार नें एक पैगम्बर भेजा दुनिया वालों को नसीहत करनें के लिए और यही बात हिन्दू धर्म ग्रंथों में भी लिखा है क्या मैं गलत कह रहा हूँ ???
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17 comments:
bakwas
bakwas
bakwas kya he is men, sach he samjho baat ka jwab do
एक ईश्वर ही उपासनीय है .
सब नबियों ने यही बताया है , हर भाषा में , हर ज़माने में , हर देश में ।
इसलिए हर भाषा के धर्म ग्रंथों में आज भी यह सच लिखा मिलता है जिसे मुसलमान मानता है और यह हरेक जानता है ।
Nice post.
good post
दो धर्म हैं और न ही इनमें कोई विरोधाभास ही पाया जाता है । जब इनके मौलिक सिद्धांत पर हम नज़र डालते हैं तो यह बात असंदिग्ध रूप से प्रमाणित हो जाती है ।
ईश्वर को अजन्मा अविनाशी और कर्मानुसार आत्मा को फल देने वाला माना गया है । मृत्यु के बाद भी जीव का अस्तित्व माना गया है और यह भी माना गया है कि मनुष्य पुरूषार्थ के बिना कल्याण नहीं पा सकता और पुरूषार्थ है ईश्वर द्वारा दिए गए ज्ञान के अनुसार भक्ति और कर्म को संपन्न करना जो ऐसा न करे वह पुरूषार्थी नहीं बल्कि अपनी वासनापूर्ति की ख़ातिर भागदौड़ करने वाला एक कुकर्मी और पापी है जो ईश्वर और मानवता का अपराधी है, दण्डनीय है ।
यही मान्यता है सनातन धर्म की और बिल्कुल यही है इस्लाम की ।
अल्लामा इक़बाल जैसे ब्राह्मण ने इस हक़ीक़त का इज़्हार करते हुए कहा है कि
अमल से बनती है जन्नत भी जहन्नम भी
ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी है
अल्लामा इक़बाल जैसे ब्राह्मण ने इस हक़ीक़त का इज़्हार करते हुए कहा है कि
अमल से बनती है जन्नत भी जहन्नम भी
ये ख़ाकी अपनी फ़ितरत में न नूरी है न नारी है
ईसा की बातें कर रहे हो यू ईडियट। ईसाई हो क्या ? अभी बिरादरी बाहर कर दिए जाओगे समझे। १४०० साल हुए हैं तो हुए हैं। यदि सच्चे मुसलमान हो तो उस पर ही डटे रहो। घबराकर दूसरे धर्मों को क्यों इस्लाम में घसीट लाते हो। और ये डॉक्टर जमाल गोटा तो मुझे कोई बुद्दू नज़र आता है जो यह कहता है कि एक ही ईश्वर उपासनीय है। तेरे कने एक ही है तो इसमें हिन्दुओं की क्या ग़लती है? उनके कने तो ख़ूब सारे हैं इसीलिए जब कोई एक बिज़ी है तो दूसरे को मना पठा के काम निकाल लेते हैं और सदा ख़ुश रहते हैं। ऊपर वाले के नाम पर टेंशन में हमेशा ये मुसलमान और ईसाई ही रहे आते हैं। ऊपरवाले के यूसलैस ठेकेदार कहीं के। हाँ नहीं तो। और सुन ये मत समझ के मैं हिन्दुओं की तरफ़दारी कर रहा हूँ। अरे वो भी ससुरे ईडियट ही हैं तेरे जैसे। हा हा।
हिन्दुओं से बराबरी करने के लिये तड़पे जा रहे हो, क्यों नहीं हिन्दू धर्म अपना लेते?
मेरी बात का बुरा नहीं माना भाई। मैनें जानबूझकर तू तड़ाक लिखा सिर्फ़ यह बतलाने के लिए कि आजकल सब ब्लागर लोग इसी लहजे में एक दूसरे से झगड़ रहे हैं कितना गन्दा लगता है जब ब्लागर कहे जाने वाले समझदार लोग आपस में ऊपरवाले के नाम पर झगड़ते रह्ते हैं। हटाओ यार मिलने मिलाने की बातें की जाएँ। जय इंसान। जय इंसानियत। जय हो आपकी और डॉक्टर साहब की। बाय बाय।
माना कि जगह मानना पढ़ें
बेहतरीन लेख ऐसे ही लिखते रहे
kehne do in kaafiroo ,,bhi hame kye,,sacchai saamne aate hi sab ye kaafir kehte hai,,,aap bahut accha kaam kar rahe ho,,,nabiyo ka kaam to hamhe hi pura karna hai,,,,lage raho,,deeen phelane mai,,allha ushe hidayat deta hai jo alhha ke kareeb aana chata hoo,,khuda hafizzzz
Bhai aap deen ka kaam kar rahe ho to mushkile aayegi pr date rahna jab duniya walo ne nabiyo ko musibate di to hm to insaan h
Bhai aap deen ka kaam kar rahe ho to mushkile aayegi pr date rahna jab duniya walo ne nabiyo ko musibate di to hm to insaan h
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